सदियों से योग भारत की अनमोल धरोहर रही है। इसकी प्रसगिकता का अंदाज़ा इसे से लगया जा सकता है। की स्वस्त विशव न इसे स्वीकार कर लिया है। योग एक श्यामपूर्वक की जाने वाली साधना है। जो स्वचेतन को परम चेतना से मिलती है।
ISBN: 978-81-7216-571-0
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