किसी भी विषय का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है । आज के युग में शारीरिक शिक्षा का विकास तेजी से हो रहा है । पूर्वकाल में इस विषय की मान्यता न के बराबर थी लेकिन आज के आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा का विकास एक व्यवसाय के रूप में तेजी से हो रहा है । इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक अवसर उपलब्ध होने के कारण प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षकों की आवश्यकता है । विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा शारीरिक शिक्षा को विभिन्न पाठ्यक्रमों के एक विषय के रूप में आरम्भ किया गया है एवम् अनेक नए महाविद्यालयों की स्थापना की गई है ।
संगठन एवं भारतीय शिक्षण पद्धति शैक्षणिक कर्मचारी समय सारणी कार्यक्रम नियोजन शारीरिक शिक्षा की पाठ योजना परीक्षण एवं मापन बजट सुविधाएं विद्यार्थियों का वर्गीकरण खेल उपकरण एवं स्वेलकूद प्रतियोगिताएँ धावन पथ रिकॉर्ड और रजिस्टर पर्यवेक्षण प्रक्रिया शिविर.
ISBN 9788172162368
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