हच्छूल तथा हृदयाभिषात , हृदय का परिचय , हृदय शब्द की व्याख्या , हृदयरोग का सामान्य निदान , हृदय रोग सामान्य लक्षण , विवेचना , मूर्च्छा , ज्वर , कास , हृदयरोग के भेद , आवरणिक हृदयरोग निदान , सम्प्राप्ति एवं लक्षण कौष्ठिक हृदयरोग का निदान एवं लक्षण , पृथक हृदय रोग का निदान एवं लक्षण , आयामिका हृदय रोग का लक्षण , परिक्षय हृदयरोग का लक्षण , मेदः सूत्र हृदयरोग का लक्षण , विक्षेपिका हृदयरोग का लक्षण , वातजहदरोग का निदान एवं संप्राप्ति , वातजहृदय रोग के लक्षण , हृदयशूल , हृदयवाहिनी घनासता , पित्तज हृदय रोग का निदान एवं संप्राप्ति , पित्तजहृदय रोग का लक्षण , कफज हृदयरोग का निदान , कफज हृदयरोग का लक्षण , त्रिदोषज या सन्निपातज ( वात , पित्त - कफ तीनों के आपस में मिलने से ) सन्निपातज ( वात , पित्त , कफ तीनों के आपस में मिलने से ) हृदयरोग का कारण एवं लक्षण , कृमिज - हृदयरोग का लक्षण , हृदयरोग के उपद्रव , हृदयरोग का चिकित्सा सूत्र , मनोविकारजन्य , हृदयरोग , सहज - जन्मजात हृदय - रोग , उच्चरक्त निपीडितजन्य हृद्रोग , आमवातज हृदयरोग की सामान्य चिकित्सा , अर्जुन , अर्जुन क्षीर - पाक , शालिपर् णी , बला - यष्टीमधु या लघु पंचमूल , गेहूँ का हलवा , नागवला ककुभादि चूर्ण , रजतविद्रुमयोग , मृगश्रृंगभस्म , नागार्जुनाभ्र ( श्वासरोगाधिकार ) रस औषध , विशेष चिकित्सा , वातजहृदयरोग चिकित्सा वमन , पिप्पल्यादि चूर्ण , पुष्करमूलादि चूर्ण , पुष्करादि क्वाथ ( काढ़ा ) , हरीतक्यादि चूर्ण , शुण्ठी , पित्तजहृदयरोग.
ISBN 9788187798769
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