ATH NADI DARPAN 'SUDHA' HINDI BHASHA TEEKA VYAKHAYA SHAHITAYAM

Author: Dr. H. L. Sharma

वैद्य का प्रथम कर्तव्य वैद्यराजलक्षण अष्ट विधि परीक्षा विधि अष्ट विधि परीक्षाफलम् नाडीज्ञान की आवश्यकता निदानपञ्चक वैद्य के लिए उपदेश नाडीज्ञानकथन कालपरत्व से नाड़ी की विलक्षणता की विलक्षणता नाडी स्पन्दन का कारण नाडी के नाम नाडी- भेद नाडी की संख्या पुरुषों की नाडी देखने की विधि छः नाडी नाभि आदि की नाड़ी देखना षोडश प्राणबोधक नाडी कण्ठनाडी नासानाडी पूर्वोक्त नाडियों का प्रमाण जीव तथा नाडी की आधीनता द्वितीयावलोकः  नाडीज्ञान का समय  निषिद्धकाल  नाडी परीक्षण करने योग्य वैद्य  मूढ वैद्य  नाड़ी परीक्षण के योग्य रोगी नाडी - परीक्षण के अयोग्य नाडी परीक्षण भेद ( प्रथम विधि ) ( द्वितीय विधि ) जीवननाडी नाडी परीक्षण का स्थान स्वस्थ व्यक्ति की नाडी परीक्षा गुरु की आवश्यकता  त्रिवार परीक्षा तीन अंगुलियों द्वारा नाड़ी - परीक्षा स्वस्थ ( रोगरहित ) मनुष्य की नाडी नाडी - देवता नाड़ी वर्ण नाड़ी - स्पर्श कालपरत्व नाडी - गति अथ वातादिस्वभाव क्रमअन्य मतानुसार प्रमाणार्थ उद्धरण → ज्वर के पूर्वरूप ज्वर के रूप वातज - ज्वर में नाडी गति पित्तज्वर में नाडी गति कफज - ज्वर में नाडी गति द्वंद्वजनाडी ( वातपित्त ) रुधिरप्रकोपज नाडी प्रमेह रोग में नाडी गति विषभक्षण आदि में नाडी गति गुल्मरोग में नाडी - गति भगन्दर रोग में नाडी-गति

   ISBN 9788194104469                                                 

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