MANAV SANSADHAN PRABANDHAN

Author: N. K. Chadha

किसी भी उपक्रम की समस्त गतिविधियाँ उन व्यक्तियों के द्वारा ही प्रारम्भ तथा निर्धारित की जाती हैं जो उस संस्था का सृजन करते हैं । एक आधुनिक फर्म जिन संयंत्रों या कार्यालयों या कम्प्यूटर तथा स्वचालित उपकरणों को उत्पादन के कार्य में उपयोग में लाती है तब तक अनुत्पादकीय बने रहेंगे जब तक की वहाँ एक मानवीय प्रयास की विद्यमानता न हो तथा उनसे सही निर्देशन न मिले । प्रबन्ध के कार्यों में मानवीय घटक का प्रबन्ध ही सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य होता है । उत्पादन का यह एक ऐसा साधन है जो उत्पादन संस्थान में सभी कार्यों को कुशलता के साथ , अंजाम देता है । उन विभिन्न घटकों में जो प्रबन्धकीय कार्यों में महत्त्वपूर्ण होते हैं तथा उसकी अभिप्राप्ति को प्रभावित करते हैं मानवीय घटक ही संभवतः सर्वोपरि होता है । प्रौद्योगिक तथा भौतिक घटक किसी भी फर्म की गतिविधियों में सदैव महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन अन्तिम रूप से यह उन लोगों की गुणवत्ता ही होती है , जिसे वे अपने चातुर्यों का सदुपयोग कर तथा सही तरीका अपनाकर संगठन को मजबूती प्रदान करते हैं 

मानव संसाधन प्रबन्धन की प्रकृति  भारत में मानव संसाधन प्रबन्धन  मानव संसाधन संगठन कार्मिक प्रबन्ध  मानव संसाधन नियोजन औद्योगिक सम्बन्ध मनोबल और उत्पादकता प्रबन्ध में मजदूर की सहभागिता प्रेरणा  नेतृत्व  मानव संसाधन तथा संचार या सम्प्रेषण  हड़तालें तथा तालाबन्दी छँटनी  श्रमिक या मजदूर संघ.

ISBN 9788189996116

 

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